pariyon ki kahani |teen pariyon ki kahani |hindi kahaniya
pariyon ki kahani : teen pariyon ki kahani
Hi,Dosto,keyse ho aap sab ? aaj hum aap sabhi ko parioyon ki kahani sunayenge i.e.pariyon ki kahani : teen pariyon ki kahani यह एक छोटी kahani हे लेकिन यह मस्ती और शिक्षा से भरी हुई हे जो आप को यह सिखायेगी की हमे अपने जीवन में अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए। में आशा करता हु आप इस hindi kahani को enjoy करेंगे। तो चलिए शुरुआत करते हैं।
hindi kahaniya:
एक राज्य में एक मजदूर रहा करता था। jo bohot hi mehnati our imandar tha. gawn me uska ghar bohot chhota tha, jisme uske पत्नी दो bacche our uske burhi maa rehte थे।
मजदूर रोज जंगल जाता और लकड़ियाँ काट कर राज्य में घुम -घुम कर बेचा करता था,और शाम को घर वापस आजाता था। उसे कभी -कभी pariyon सपने आया करते थे। वो हमेशा यही सोचता की मूझे ये, pariyon के सपने बार बार क्यों आते हैं। (pariyon ki kahani : तीन परियों की कहानी )एक दिन वो apna खाना लेकर jangal में लकड़ियाँ काटने गया,usne सारा दिन मेहनत कर lakdiya कटी और शाम को bech कर घर वापस agya ,उसके दूसरे दिन भी वो जंगल gyaऔर लकड़ियाँ काटने लगा lakdiya काट कर वो राज्य में जब bechne गया तो उस दिन उसकी lakdiya नहीं बिकी वो उदास होकर घर आया our बताया की उसकी लकड़ियाँ नहीं biki ऐसे ही पाँच से छै din बीत गए उसकी lakdiya बोहोत कम बिकने लगी थी।
फिर एक din वो अपना खाना लेके jangal में लकड़ियाँ काटने गया,जाते -जाते usne रस्ते में देखा की एक khargosh भूखा हे,उसने तुरंत अपने खाने में से एक रोटी निकली और खरगोश को खिला दिया और वो लकड़ी काटने में लग गया। लकड़ी काटते -काटते dopeher हो चुकी थी और उसे भूख भी लग रही थी,उसने सोचा हाथ मुँह धो कर kha खा लेता हूँ (pariyon ki kahani : तीन परियों की कहानी )
usne आस-पास देखा तो उसे एक नदी dikhai दी वो उस नदी के पास गया और हाथ-मुँह धो कर खाना खाने के लिए aam के ped के niche बैठ गया । और खाना-खाना शुरू किआ,sara खाना खा kar भी उसका पेट नहीं भरा,तब ही achanak उसने सामने आम के पेड़ से शेव गिरा वो ये सब dekh कर आस्चर्या चकित हो गया की आम के पेड़ se भला शेव कैसे गिर sakta हे।
वो तुरंत उठ खड़ा हुआ तो देखा की पेड़ के ऊपर तीन Pariyan थीं वो ये सब देख कर दांग रह गया तभी उन Pariyon में से एक उसके सामने आई और मजदूर को एक कुल्हाड़ी देकर कहा तुम अगर इस पेड़ के नीचे खुदाई करोगे तो तुमको khajana मिलेगा,और इतना कह कर pariyan वहाँ से गायब हो गई।
उसने उस sandukh को खोला तो देखा उसमे कीमती सोने,चांदी ,हिरे भरे पड़े हैं। वो सोचने लगा jarur ये किसी ओर के होंगे वो सोचा इतने कीमती सामान जंगल में कहाँ से आयेंगे,क्यों न इसे राजा को ही dediya जाए ये तो मेरे नहीं
मजदूर उस kulhadi को जमीन से uthaya और उस आम में पेड़ के नीचे खुदाई करने लगा,khudai करते-करते वो थक गया मगर उसे वहां से कुछ नही मिला थोड़ा देर rukne के बाद वो फिर से खोदना शुरू किआ मगर इस बार उसके कुल्हाड़ी से लोहे कि patr की टकराने की आवाज आई उसने उस पात्र को निकला तो देखा की ये तो एक सोने से बना संदुख हैं। (pari ki kahani)
उसने उस sandukh को खोला तो देखा उसमे कीमती सोने,चांदी ,हिरे भरे पड़े हैं। वो सोचने लगा jarur ये किसी ओर के होंगे वो सोचा इतने कीमती सामान जंगल में कहाँ से आयेंगे,क्यों न इसे राजा को ही dediya जाए ये तो मेरे नहीं
उसने उस संदुख को uthakar राजा के दरवार में लेगया राजा साहब को btaya की उसे ये सन्दूख जंगल में पेड़ के नीचे खुदाई में mila हे जो की उसका नहीं हे इस लिए वो ये
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सन्दूख राजा के pas लाया हे ताकि ये सन्दूख jiska हे उसे वापस मिल जाए।राजा उस मजदुर कि ईमानदारी को देख कर बहुत khush हुए। राजा ने तुरंत अपने मत्री को bulaya और कहा इस आदमी को हमारे darwar में कोषाध्यक्ष बना दिया जाये।जिसमे ये हमारी सारी सम्पतियों का देखभाल करेगा।
जो sandukh लेकर मजदुर गया था राजा ने उस सन्दूख kobhi दे दिया।
और मजदुर और उसका priwar खुशी ख़ुशी जीवन यापन करने लगा।
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