hindi kahaniya |ghamandi kachhua our hansh ki kahani
hindi kahaniya |ghamandi kachhua our hansh ki kahani
Hi,Dosto keyse ho ? aaj me aap sabhi ke liye hansh our kahuwa ki kahani leke aaye he i.e.hindi kahaniya |ghamandi kachhua our hansh ki kahani.यह कहानी हमे सिखाती हे की हमे अपने बुद्धि पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए, इस kahani को पढ़ कर आप को बोहोत अच्छी शिक्षा मिलेगी। में आशा करता हु आप इस हिंदी कहानी को enjoy करेंगे। तो चलिए पढ़ लेते हे।
hindi kahaniya:
एक नदी में, एक kachhua और दो हंश रहा करते थे, जो bohot अच्छे दोस्त थे। उनको जब भी कोई मछली मिलती वो apash में बट कर कहते थे। और एक दूसरे को kahaniya सुना कर समय व्यतीत करते थे।
जिसमे से कछुआ thoda चतुर था। वो जिस इलाके में रहते थे waha वर्षा कम होने लगी, जिससे उस नदी में पानी कमने lagi। पानी कमने के wajah से कछुआ और हांशो को चिंता होने लगी की अगर sara पानी सुख गया तो हम जायेंगे कहा।
इसी chinta में कछुवे को एक तरकीब सूझी usne हांशो को कहा तुम दोनों उड़ते-उड़ाते जाओ और आस पास के इलाके में देख kar आओ की कही और पानी हे की नहीं दोनों हांशो को कछुवै की ये tarkib अच्छी लगी।
वो सब ये बाते साम को कर रहे थे,और जैसे ही सुबह हुआ दोनों हांश पानी के तलाश में उड़ गए,उड़ते -उड़ते वो पास के एक जंगल में पोहचे। hindi kahaniya |ghamandi kachhua our hans
वहाँ देखा की एक नदी हे जिसमे बोहोत पानी हे और अगर वर्षा ना भी हुई तो वो नदी सूखेगी नहीं उन दोनों को वो नदी बोहोत पसंद आई वो तुरंत उड़ते-उड़ते कछुआ के पास गए और सारी बाते बताई।मगर उस नदी तक पोहोचना उन तीनो के लिए मुम्किन नहीं था ,क्यों की दोनों हंस तो उड़ सकते थे मगर कछुआ तो नहीं उड़ सकता।more story
अब ये चुनौती उन तीनो के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं थी। कई दिन बीत गया कोई तरकीब कहि नहीं सुझ रहा था। मगर फिर एक दिन कछुवै का दिमाग चला वो दोनों हंसो को बताया की तुम दोनों एक लम्बी लकड़ी लाओगे,जिसे तुम दोनों अपने चोंच से पकड़ोगे और में बिच में मुँह से पकड़ लूँगा और फिर हम तीनो उड़ चलेंगे।
हंस चले गए लकड़ी खोजने मगर कछुआ तो इतनी अच्छी तरकीब बता कर फुले नहीं समा रहा था,उसे तो ये लगने लगा था की वाह मेरा दिमाग कितना अच्छा हे मै कितना अच्छा सोचता हूँ। इन दोनों का तो दिमाग ही नहीं चलता।
इतने में दोनों हंस वहां एक लम्बी लकड़ी लेकर पोहचे, कछुआ उस लकड़ी को बिच में पकड़ा हंसो ने कहा कछुआ तुम अपना मुँह मत खोलना वरना गीर जाओगे। और वो तीनो उड़ पड़े उड़ते-उड़ते उनको रास्ते में एक गावं मिला,जिसके लोग उन तीनो का दोस्ताना देख कर चकित थे। सभी आपस मे बात कर रहे थे की ये इतना अच्छा तरकीब किसने लगाई होगी वो कितना बुद्धिमान होगा।kachhua our hans.
इतना सुन कर तो कछुवै से रहा नहीं गया वो तुरंत अपना मुँह खोल दिया आवर चिल्ला के बताया ये मेरी बुद्धि का कमल हे और इतना कहते-कहते वो नीचे गिर गया। उसके दोस्त जल्दी-जल्दी नीचे आये और कछुआ जहा गिरा पड़ा था,वहाँ पोहचे और उसे पानी पिलाई और कहा दोस्त कभी-कभी मुँह बंद रखना ही बुद्धिमता होती हैं।
Hi
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